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तीसरा विश्व युद्ध
10 अप्रेल 1998
बीकानेर
गुरुदेव श्री रामलालजी सियाग
एवीएसके, जोधपुर के संस्थापक और संरक्षक

तीसरा विश्व युद्ध हिंसक और अहिंसक वृत्तियों के बीच लड़ा जाएगा। पिछले दोनों विश्व युद्ध हिंसक और अहिंसक वृत्तियों के बीच लड़े गए थे। उस समय भी हिंसक नाजियों का पतन हुआ था। विश्व में, दोनों विश्व युद्ध, विश्व में शांति स्थापित करने में पूर्णरूप से असफल रहे। हिंसक वृत्तियाँ पूर्ण रूप से शांत नहीं हुईं। दूसरे विश्व युद्ध के समाप्त होने के थोड़े समय बाद ही तामसिक वृत्तियों ने फिर उत्पात मचाना प्रारम्भ कर दिया। परन्तु तीसरा विश्व युद्ध हिंसक वृत्तियों को सम्पूर्ण विश्व में लगभग समाप्त कर देगा।

सम्पूर्ण विश्व के भविष्यद्रष्टा संतों की भविष्यवाणियों के अनुसार 21वीं सदी में लगभग सम्पूर्ण विश्व वैदिक धर्म स्वीकार कर लेगा जिसे आज का विश्व हिन्दू धर्म के नाम से जानता है। हिंसा द्वारा जिस धर्म का जन्म हुआ, वह विश्व में शांति स्थापित कर ही नहीं सकता। अतः जो धर्म ‘अहिंसापरमोधर्मः’के सिद्धान्त में विश्वास करता है, वही धर्म पुनः विश्व में शांति स्थापित करेगा।

- समर्थ सद्‌गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग

  • विश्व के अनेक संतपुरूषों की भविष्यवाणियों के अनुसार मानव जाति का दिव्य रूप में रूपान्तरण, क्रमिक विकास के सिद्धान्त के अनुसार सन् 2019 तक लगभग पूर्ण हो जाएगा।

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