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जगदीश

कई समस्याओं से मुक्ति

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जगदीश -रोहिट, जिला-पाली (राज.)

समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलालजी सियाग एवं दादा गुरुदेव बाबा श्री गगांईनाथजी योगी (ब्रह्मलीन) के चरण कमलों में दण्डवत प्रणाम। मैं फरवरी-मार्च 2014 में मारकेश की चपेट में आ गया। मुझे भ्रम हो गया कि मुझे कोई गंभीर बीमारी हो गई है।

  • इसलिए मैंने शरीर की जाँच के लिए मेरे अध्यापकजी गजेन्द्रजी सैन (हाउसिंग बोर्ड पाली ) के पास कुछ रुपये उधार लेने के लिए गया लेकिन मेरे अध्यापकजी ने मुझे पैसों की बजाय गुरुदेव के दर्शन के संदर्भ में जानकारी देकर मन ही मन सघन मंत्र जप व ध्यान करने की विधि बताई और कहा कि इस तरह से गुरुदेव की आराधना करो, सब ठीक हो जाएगा।

  • मैंने उनके बताए अनुसार मंत्र जपना शुरू किया और आश्चर्य की बात कि गुरुदेवजी ने मुझे मात्र 24 घंटों में ही मारकेश के प्रभाव से छुड़ा दिया। उसके बाद मैंने कुछ दिन तक मंत्रजप व ध्यान किया। बदकिस्मती मैंने गुरुदेवजी की ओर कम ध्यान दिया। मेरे जीवन में टर्निग पाइंट दिसम्बर 2015 में आया। मेरी तबियत अचानक खराब हो गई। मैंने शुरूआत में पाली शहर में ही इलाज कराया मगर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। तबियत खराब होती गई साथ ही बाँये कुल्हे में तेज दर्द शुरू हो गया। चलना फिरना मुश्किल हो गया।

इसी बीच मैं आगे इलाज के लिए डा. दिनेश कोठारी के पास गया। उन्होने मेरी समस्त जाँच के बाद बताया कि आपको बेक्ट्रियल इन्फेक्शन है। मैं निश्चित रूप से नहीं कह सकता हूँ कि आपको टीबी, टाइफाइड या निमोनिया है लेकिन बीमारी आपको जरूर है। मेरी ब्लड रिपोर्ट में लिम्फोसाइटस नीचे थी। मुझे 102 एफ बुखार था। मेरा एक महीने तक उपचार चला लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।
  • मैंने 16 अप्रैल 2016 को समस्त इलाज छोड़कर केवल ध्यान एवं मंत्र जप करना शुरू किया। बीमारी से मुक्त कराने के लिए गुरुदेव से करुण प्रार्थना करता रहा। गुरुदेवजी की कृपा से धीरे धीरे मेरा शरीर ठीक होने लगा। दिसम्बर 2016 तक पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया अब गुरुदेवजी की कृपा से शान्ति है और नियमित रूप से ध्यान कर रहा हूँ।

  • वास्तव में गुरु कृपा क्या होती है ये पूर्ण एकाग्रता और गंभीरता से गुरुदेव की आराधना करने पर ही समझ में आया तथा सभी परेशानियों से छुटकारा मिला। अगर आपको साक्षात् श्री कल्कि अवतार के दर्शन करने हों तो आप अध्यात्म विज्ञान सत्संग केन्द्र, जोधपुर पधारो! सही मायने में पूर्ण शांति केवल सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के सिद्धयोग दर्शन में ही संभव है।

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