Image कृष्णलाल बुद्धिराजा

कृष्णलाल बुद्धिराजा

अध्यात्म ज्ञान में प्रगति एवं रोगों से छुटकारा

पता

कृष्णलाल बुद्धिराजा (77) पूना (महाराष्ट्र)

समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के चरणों में कोटि-कोटि नमन्। मेरा नाम कृष्णलाल बुद्धिराजा है तथा मेरी आयु 77 साल है। मुझे दमा बहुत ज्यादा हो गया तो मुझे आईसीयू में इलाज लेना पड़ा। यह बात 13 अक्टूबर, 2012 की है। इससे पहले मैंने टीवी चैनल पर गुरुदेव से दीक्षा ली थी। फिर मेरा विचार बना कि जोधपुर जाकर सदगुरुदेव के दर्शन करने चाहिए और गुरुदेव के समक्ष जाकर दीक्षा लेनी चाहिए।

  • सत्संग केन्द्र में पूछताछ की तो उन्होंने बताया की 28 अक्टूबर तक गुरुदेव यहाँ हैं, उसके बाद कोटा चले जाएँगे। मैं बहुत कमजोर था क्योंकि 13 अक्टूबर को आईसीयू छोड़ा था। रेल का आरक्षण नहीं हो सका। बस से जाना पड़ा। बस में संजीवनी मंत्र का जप करता हुआ आया। सुबह 9 बजे आश्रम पहुँच गया। वहाँ मालूम पड़ा कि सदगुरुदेव की तबीयत ठीक नहीं है। अब नहीं आएँगे। यह सुनकर मैं बहुत परेशान हो गया। जैसे पाँवों के नीचे से जमीन निकल गई हो।

  • मैं ऑफिस में गया, साधकों से बात की। कुछ समय बाद मालूम हुआ कि गुरुदेव आ रहे हैं। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि गुरुदेव को पता चलता है, वे गुरुदेव अन्तर्यामी है, सर्वव्यापक है। तबीयत ठीक नहीं होने पर भी आश्रम आये कि कोई साधक पूने से जोधपुर आ रहे हैं, मुझे दर्शन देने के लिए ही गुरुदेव पहुंच गए। मैंने गुरुदेव के चरणों में नमन किया और दीक्षा ली। गुरुदेव जल्दी ही वापस चले गए। अगले दिन मैं वापस पूने चल पड़ा। बस में और पूना पहुँचने के बाद नियम से साधना व मंत्र जप करना शुरू कर दिया।

डेढ़ महीने में ही अजपा जाप शुरू हो गया। बहुत प्रसन्नता हुई। गुरुदेव ने कृपा कर दी, यह जानकर मेरी हिम्मत और बढ़ी जैसे गुरुदेव कहते हैं कि नाम जप Round the clock (राउंड दा क्लॉक) करो वैसे ही कोशिश की तो अजपा जाप शुरू हो गया। जिससे जप आसान हो गया। फिर गुरुदेव की कृपा से नाद सुनाई देने लगा। नाद सुनाई देने से आनन्द आने लगा। 25 साल पुराना दमा भी नियम से साधना करने व लगातार नाम जप करने से ठीक हो गया। पित्त, कब्ज और वायुदोष की भी तकलीफ थी वे भी अब नियंत्रण में है। अब कोई कष्ट नहीं होता है।
  • पिछले तीन-चार साल से घुटनों में दर्द रहता था। घुटनों का एक्सरे करवाया तो डॉक्टर ने कहा कि आपके घुटनों में लिक्विड नहीं है। मैंने इस बीमारी के लिए भी गुरुदेव से करुण प्रार्थना की, मुझे मालुम हो गया कि दुनिया में गुरुदेव के नाम से बड़ा कोई डॉक्टर नहीं है और उनके द्वारा दिये संजीवनी मंत्र से बड़ी कोई दवाई नहीं है। दायां घुटना तो बिलकुल ठीक हो गया है तथा बायें घुटने में भी 70 प्रतिशत सुधार है तथा मुझे पूरा विश्वास है कि यह भी जल्दी ही ठीक हो जाएगा।

  • मैं पिछले 10-15 सालों से हरनिया की बीमारी से परेशान था। एक बार ऑपरेशन भी करवाया। लेकिन कुछ समय बाद वापस दर्द शुरू हो गया। लेकिन जब से सदगुरुदेव की आराधना कर रहा हूँ, तब से पिछले एक डेढ साल से मैं बिलकुल ठीक हूँ, कोई किसी भी प्रकार का दर्द नहीं है।

  • 47 साल की उम्र में दमा हो गया और 70 साल की उम्र में यह पूरी तरह से बिगड़ गया। मैं बुरी तरह से परेशान रहने लगा। डॉक्टर साहब ने एक टेबलेट लिख दी, उसको लेने पर थोड़ा आराम मिलता था। लेकिन इस टेबलेट पर गुरुदेव भगवान् ने अपनी मुहर लगा दी। मेरे पर दया कर दी और अब मैं सौ प्रतिशत स्वस्थ हूँ। मेरे में आत्मबल आ गया।

  • अब मुझे गुरुदेव पर इतना प्यार उमड़ता है कि मैं किन शब्दों में बखान करूं? मेरे पास शब्द नहीं है। ये ज्ञानियों के ज्ञानी हैं, अन्तर्यामी हैं, सर्वव्यापक हैं, सर्वदयालु हैं, सबके साथी हैं, गुरुओं के गुरु और नाथों के नाथ हैं, ईश्वरीय अवतार हैं, कलियुग में कल्कि अवतार हैं। मैं ऐसे परम दयालु भगवान् को बारंबार नमन करता हूँ। आज इस उम्र में भी, मैं गुरुदेव की असीम कृपा से बेहद खुश हूँ।

Share