Image रमेश लाल

रमेश लाल

गुरुदेव सियाग की तस्वीर का ध्यान करने से हेपेटाइटिस बी नेगेटिव हुआ

पता

रमेश लाल, सी. पी. ओ. नौसेना मुम्बई

मैं रमेश लाल रेंक सी. पी.ओ. नौसेना में सेवारत हूँ। मुझे अक्टूबर 2012 में पीलिया हो गया था । तब मैं हॉस्पीटल में भर्ती हुआ, वहाँ जाँच के दौरान मुझे पता चला कि मुझे हेपेटाइटिस बी HBSAG Positive हैं। मैं बहुत चिंतित हुआ। मुझे रात भर नींद नहीं आती थी।

  • मैंने पहले निश्चय किया था कि मुझे 20 वर्ष से आगे सर्विस नहीं करनी है, पर इस घातक बीमारी के डर से मैंने और आगे सर्विस में रहते हुए इलाज कराने के लिए सोचा क्योंकि रिटार्यमेन्ट के बाद इतना महँगा इलाज संभव नहीं था। इस बीमारी के बारे में हमेंशा सोचता था कि किस प्रकार इससे छुटकारा पाया जाये।

  • एक दिन गुरुदेव के एक शिष्य एल. एम. ऐ. हॉस्पीटल में सभी मरीजों से शनिवार के दिन मिले और हमें गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के बारे में बताया एवं बगीचे में ले जाकर सभी मरीजो को 15मिनट का ध्यान करवाया। पहले दिन ही मुझे बहुत अच्छा लगा। आत्मा में असीम शांति फैल गई।

फिर मैं और मेरा एक साथी जो इसी बीमारी से ग्रसित था, हम दोनों सुबह-शाम ध्यान लगाने लगे। मेरा साथी स्वस्थ होकर घर आ गया। गुरुदेव का नाम जप व ध्यान करने की जिज्ञासा बढ़ती गई। ध्यान के दौरान स्वतः ही यौगिक क्रियाएँ होने लगी। ध्यान में मुझे गहरा आनंद आने लगा।
  • उछल उछल कर पड़ना, कभी हाथों-पैरों का जोर जोर से हिलना, कभी आगे की ओर झुकना, तो कभी पीछे की ओर झुकना, लेटना, मुँह से आवाज निकलना आदि अनेक प्रकार की यौगिक क्रियाएँ होने लगी इससे गुरुदेव के प्रति मेरा विश्वास और गहरा होता गया।

  • करीब तीन महीने बाद मैं अपनी माता जी को हॉस्पीटल में शुगर की जाँच कराने के लिए लेकर गया था। उस समय नेवल कर्मियों की जागरूकता के तहत निःशुल्क हेपेटाइटिस बी का टेस्ट चल रहा था। जो मैंने भी करवाया एवं पन्द्रह मिनट बाद जब रिपोर्ट मिली तो मेरी रिपोर्ट नेगेटिव थी। मुझे यकीन नहीं हुआ।

  • मैंने डॉक्टर को अपनी पूरी हकीकत बताई कि मैं तो इसी बीमारी का मरीज था तो उन्होंने मेरा दुबारा टेस्ट किया तो भी नेगेटिव आया। फिर भी मैंने मशीनी टेस्ट पर विश्वास न करके लैब टेस्ट करवाया, उसमें भी नेगेटिव आया। इसके बाद छुट्टी आने पर राजसमन्द जिला अस्पताल में टेस्ट करवाया फिर भी नेगेटिव आया।

  • तब मैं आशवस्त हो गया कि मुझे अब इस बीमारी से छुटकारा मिल गया है। मुझे बहुत खुशी हुई एवं गुरुदेव का बहुत-बहुत आभारी हूँ। मैं अपने दिल एवं दिमाग दोनों से गुरुदेव को मानता हूँ। सिद्धयोग में अद्भुत ताकत होती है, यह मैंने अनुभूत किया है।

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