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टारो इनाजाकी

जापानी साधक का अनुभव

पता

टारो इनाजाकी, जापान

मेरा नाम टारो इनाजाकी है। मैं जापान का निवासी हूँ। मैं एक मार्शल आर्ट का प्रशिक्षक हूँ। मैं पर्यटन व आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव करने के लिए भारत आया था।

  • इससे पहले मैंने योग व आध्यात्मिक शक्तियों के बारे में काफी साहित्य पढ़ा था। हमारे जापान में भी ध्यान किया जाता है। लेकिन मैंने इससे पहले कभी भी कोई प्रैक्टिकल नहीं किया था।

  • जोधपुर में, मैं जिस गेस्ट हाऊस में ठहरा हुआ था, उसके मालिक ने मुझे गुरुदेव के सिद्धयोग दर्शन के बारे में बताया। आश्रम पहुँचकर मैंने यहाँ सिद्धयोग दर्शन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। गुरुदेव की मंत्र-सीडी, आश्रम से प्रकाशित मासिक पत्रिका व Religious Revolution in World पुस्तक प्राप्त की।

ध्यान के दौरान मुझे जो अनुभूतियाँ हुई, उन्हें शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है। जैसे ही मैंने गुरुदेव का ध्यान शुरू किया तो आंतरिक व बाहरी विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाएँ स्वतः ही होने लगी। कभी शरीर दाँयी व कभी बाँयी ओर घूमने लगा। मैं ध्यान के दौरान अपने आप ही लुढ़क गया।
  • मेरे भीतर असीम शांति महसूस होने लगी। मुझे प्राणायाम भी होने लगे। मेरी इच्छा उन यौगिक क्रियाओं को करने की नहीं थी लेकिन वो स्वतः ही होने लगी। मैंने यौगिक क्रियाएँ रोकने की कोशिश की लेकिन मैं उनको रोक नहीं पाया। इसीलिए मैं वापस मंत्र जाप पर एकाग्र हो गया।

  • ध्यान में मुझे असीम मानसिक शांति अनुभव हुई। अब मैं इस दिव्य ध्यान को नियमित रूप से करूँगा।

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