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रेवंत सिंह

गुरु कृपा से हेपेटाइटिस-बी से मुक्त हुआ

पता

रेवंत सिंह गाँव-खातोलाई पोस्ट-आंटरोली खुर्द, जिला- नागौर (राज.)

सर्वप्रथम गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग व दादा गुरुदेव को प्रणाम। मैं रेवतसिंह, गाँव-खातोलाई, नागौर का रहने वाला हूँ। मैं जब आर्मी में जामनगर में पोस्टेड था, मुझे पीला पेशाब आने लगा तो जाँच कराई तो 4 सितम्बर 2009 को मेरा Serum Bilirubin 1.8 आया, फिर 6.3 और अगली जाँच में 12.4 और 17 सितम्बर 29.33 हो गया मूझे मिलिट्री अस्पताल, जामनगर में भर्ती कर दिया।

  • जब दूसरी जाँच की रिपोर्ट आयी तो उसमें हेपेटाईटिस-बी पाॅजिटिव पाया गया। तब डॉक्टरों ने ज्यादा कुछ नहीं बताया व कहा कि आपको हेपेटाईटिस-बी इन्फेक्शन हो गया है और कुछ जाँच व इलाज के लिए मुम्बई अश्विनी अस्पताल भेज रहे हैं। फिर यहाँ हेपेटाईटिस की दो बार जाँच हुई तो फिर हेपेटाईटिस-बी पाॅजिटिव रिर्पोट आयी व मुझे Gastro Physician के पास भेज दिया।

जब मैंने दूसरे मरीजों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हेपेटाईटिस-बी नेगेटिव नहीं आता है। हमारे दो साल से इंजेक्शन चल रहे हैं और 48 इंजेक्शन ले चुके हैं और हेपेटाईटिस-बी नेगेटिव नहीं हुआ है। यह सब सुनकर मैं निराश हो गया व चिन्ता में रहने लगा कि कौन सी बीमारी हो गयी। मेरे तो घर-परिवार में भी किसी को यह बीमारी नहीं है, मेरा खाना-पीना भी छूट गया और रात-दिन चिन्ता सताने लगी।
  • एक दिन मैं नीचे शाम 5 बजे गार्डन में चला गया तो कई मरीज बैठे ध्यान कर रहे थे। मुझे पता नहीं था कि ये क्या कर रहे हैं। किसी मरीज से पूछा तो उसने बताया कि ये गुरुजी का ध्यान कर रहे थे और गुरुजी का ध्यान करने से कोई भी बीमारी ठीक हो जाती है। एक गुरुभाई ओमवीर जी ध्यान करवा रहे थे। मुझे उन्होंने ध्यान का तरीका बताया व मोबाइल से मंत्र सुनाया। मैंने उसी दिन से ध्यान करना शुरू कर दिया। मैंने 10 अक्टूबर से ध्यान करना शुरू किया।

  • सुबह-शाम ध्यान करता व चलते-फिरते, सोते, उठते बैठते व शौच जाते हर समय मंत्र जाप करता व गुरुदेव को याद करता था कि गुरुदेव यह कैसी बीमारी हो गयी, इसे ठीक करो। मैंने अस्पताल में कोई दवाई नहीं ली व गुरुदेव को याद करता रहा कि गुरुदेव मेरे तो आधार आप ही हो मेरे पास कोई दवाई-गोली नहीं है और आप ही तारो, मेरे कष्ट काटो गुरुदेव। मुझे यौगिक क्रियाएँ नहीं हुई, पर गुरुदेव कल्कि अवतार के रूप में घोड़े पर विराजमान दिखाई देते थे।

  • गुरुदेव से 10 मिनट, ध्यान का समय माँगता तो 10 मिनट व 15 मिनट का समय माँगता तो 15 मिनट बाद ध्यान खुल जाता। घड़ी के सैकण्ड की सूई भी आगे-पीछे नहीं होती। मुझे यह बड़ा कमाल लगा। ध्यान शुरू किया था। 10 अक्टूबर को और उसके बाद Serum Bilirubin 1.3 हो गया 17 नवम्बर को मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी।

  • मैंने वापस हेपेटाईटिस-बी टेस्ट करवाया तो 15 दिसम्बर नेगेटिव रिपोर्ट आयी। गुरुदेव ने मुझे इस बीमारी से मुक्ति दिला दी। मेरी यही राय है कि गुरुदेव का ध्यान व नाम-जाप से कैसा भी संकट हो चुटकी में ठीक हो जाता है व असीम आनन्द मिलने लगता है।

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