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किस्तुरा राम

तामसिकताओं से पीछा छूटा-घर में गुरु कृपा से हुई खुशहाली

पता

किस्तुरा राम सुपुत्र श्री हीरारामजी गाँव-भीमरलाई, रेलवे स्टेशन, जिला- बाड़मेर

मैं सन् 1997 से सदैव बीमार रहता था। देवताओं व भूतों की पूजा करता था। हमेशा तांत्रिकों के पीछे चक्कर काटता रहता था। डॉक्टरों से खूब दवाईयाँ ली परन्तु शरीर में कोई आराम नहीं हुआ। डॉक्टर गाँधी, निवासी पचपदरा के पास गया तो उसने शुगर और गठिया की बीमारी बताई। दोनों के इलाज वास्ते दवा दी तथा मैंने भी 10 दिन तक दवा ली।

  • मेरी दोनों लड़कियाँ भी अजीब सी बीमारी के कारण परेशान थी। लड़कियों की गर्दन कभी पीछे चली जाती, जीभ मुँह से बाहर आ जाती थी। आसपास के लोग उन्हें देखकर कहते थे कि ये घड़ी पलक के बाद मरने वाली हैं। लड़कियों को लेकर भी कई तांत्रिकों के चक्कर काटे, कई मंदिरों पर गया। डॉक्टरों के पास भी गया। मगर कहीं न तो बीमारी ठीक हुई और न ही इलाज हुआ।

  • मैं नारकीय जीवन जी रहा था। जीवन जीने की तमन्ना ही खत्म हो चुकी थी। फिर मेरा पुत्र तगाराम गुरुदेव श्री रामलालजी सियाग से जुड़ा और उसने मुझे गुरुदेवजी के पास चलने को कहा। हम सभी गुरुवर श्री रामलाल जी सियाग की शरण में गए, दीक्षा ली, मन्त्र जाप व ध्यान शुरू किया तो मेरी बीमारी परेशानियाँ व मेरी बच्चियों की बीमारी ध्यान योग द्धारा स्वतः ठीक हो गई। मुझे भोपों से छुटकारा मिला। हमने सभी ताबीज और डोरे खोल के बाहर फेंक दिए।

हम सभी गुरुवर श्री रामलाल जी सियाग की शरण में गए, दीक्षा ली, मन्त्र जाप व ध्यान शुरू किया तो मेरी बीमारी, परेशानियाँ व मेरी बच्चियों की बीमारी ध्यान योग द्धारा स्वतः ठीक हो गई।
  • मेरे शरीर में गठिया, सिर दर्द, शुगर की बिमारीयाँ बिना दवाईयाँ लिए, बिना कोई रुपये खर्च किये केवल नाम-जप व ध्यान करने से ठीक हो गई।

  • मेरा सभी भारत वासियों से कहना है कि इस धरती पर कल्कि अवतार हो चुका है। उनकी शरण में जाने पर नया जीवन दान मिलता है। सभी रोग ठीक होते हैं। घर में सुख शान्ति व समृद्धि आती है। इसे आप आजमा कर देखें।

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