Image जवाहरलाल बोहरा

श्री जवाहरलाल बोहरा

कैंसर व हेपेटाईटिस-बी से मुक्ति

पता

जवाहरलाल बोहरा C/O. सुल्तान सिंहजी चारण Opp. कुम्हारों का मंदिर, Ist 'बी' रोड़, सरदारपुरा, जोधपुर (राज.)

प्रश्नः

  • आप क्या कार्य करते थे व कहाँ पर?

    मुम्बई में शेयर मार्केट में दलाली का कार्य करता था तथा मैं फलौदी का पुष्करणा ब्राह्मण हूँ। मुम्बई में मेरा अच्छा कारोबार चल रहा था।

  • आपको कैंसर के बारे में कब मालूम हुआ उसके बाद आपने कहाँ पर चैकअप कराया?

    जब मैं 1997-98 में मुम्बई था, तो मुझे मुँह के दांयी ओर के गाल में थोड़ी सूजन महसूस हुई। फिर गांठ धीरे-धीरे बढ़ने लगी और मैंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि आपको कैंसर है और 15 दिन के अन्दर तो मुझे चारपाई पकड़नी पड़ी, मुँह बिल्कुल बंद हो गया। बोम्बे हॉस्पीटल ट्रस्ट में चैकअप कराया। दो महीने तक डॉ. एन.के. आप्टे व एन.एच. वंका का इलाज चला। कोई फर्क नहीं पड़ा फिर सुख-सागर स्थित उनके प्राईवेट चेम्बर में हमने दो महीने तक इलाज करवाया। लगभग अलग-अलग जगह 8 महीने तक ट्रीटमेन्ट लेते रहे लेकिन फर्क पड़ने की बजाय रोग बढ़ता ही गया। तंग आकर मेरी पत्नी व घरवाले मुझे जोधपुर ले आए।

  • जोधपुर में आपने कहाँ पर इलाज कराया? और डॉक्टरों ने क्या कहा?

    जोधपुर आकर मथुरादास माथुर हॉस्पीटल में डॉ. अरविन्द माथुर को दिखाया। उन्होंने सारी रिपोर्ट देखकर कहा कि आप तुरन्त मुम्बई चले जाओ, आपको शुरूआती कैंसर है, इसलिए आप मुम्बई जाकर इसका तुरन्त इलाज कराओ। तो मेरी पत्नी ने कहा कि मुम्बई से तो हम लोग जोधपुर आएं हैं, अब आप ही कुछ इलाज करो तो डॉक्टर साहब ने कहा कि यहाँ इनका इलाज संभव नहीं हैं।

  • ऐसी स्थिति में फिर आपको कैसा महसूस हुआ तथा आपने क्या कदम उठाया?

    मैं तो पूरी तरह निराश हो चुका था। मेरी पत्नी भी बहुत रोई कि आखिर क्या करें। एक दिन सरदारपुरा 2nd बी रोड़ पर श्री रामदयालजी चौधरी के एस.टी.डी. बूथ पर, उनसे मुलाकात हुई, उस समय पूज्य गुरुदेवजी इनके मकान में रहते थे। रामदयालजी ने बताया कि आप गुरुदेव का ध्यान करो तो पूर्णतः ठीक हो जाओगे।

  • आपने दीक्षा कब व कहाँ ली?

    मैंने 2 अप्रैल, 1998 को गांधी मैदान सरदारपुरा, जोधपुर में शक्तिपात-दीक्षा लेकर गुरुदेव द्वारा बताए संजीवनी मंत्र का जाप व ध्यान शुरू किया।

  • दीक्षा के बाद आप में क्या परिवर्तन आया?

    मैंने गुरुदेव से मंत्र-दीक्षा लेकर लगातार मंत्र जाप और सुबह-शाम ध्यान शुरू किया। विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाएं ध्यान के दौरान होती थीं। 27-28 दिन बाद गाँठ फूट गई तथा बिना ऑपरेशन किये ही दो दिन के अन्दर सारी गंदगी निकल गई तथा तीसरे चौथे दिन तो मैंने नमक-मिर्च सहित खाना खाना शुरू कर दिया, जो पिछले 8 या 9 महीने से केवल जूस के सहारे ही जी रहा था।

  • दीक्षा के बाद आप में क्या परिवर्तन आया?

    मैंने गुरुदेव से मंत्र-दीक्षा लेकर लगातार मंत्र जाप और सुबह-शाम ध्यान शुरू किया। विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाएं ध्यान के दौरान होती थीं। 27-28 दिन बाद गाँठ फूट गई तथा बिना ऑपरेशन किये ही दो दिन के अन्दर सारी गंदगी निकल गई तथा तीसरे चौथे दिन तो मैंने नमक-मिर्च सहित खाना खाना शुरू कर दिया, जो पिछले 8 या 9 महीने से केवल जूस के सहारे ही जी रहा था।

  • क्या वापस डॉक्टर से चैकअप कराया?

    नाम-जाप व ध्यान से मेरे शरीर में अचानक इतना परिवर्तन आया कि हमने पांचवी रोड़ स्थित डॉ. सी.एस. कल्ला से वाई.एफ.सी. करवाई। आर.पी. में रिपोर्ट जाँच के लिये दी। 5 दिन में रिपोर्ट बिल्कुल अच्छी आई। डॉ. साहब ने कहा कि आपको कैंसर नहीं है। जब मैं पूर्णतः हट्टा-कट्टा हो गया तो मेरी पत्नी के साथ डॉ. अरविन्द माथुर को दिखाने गए। डॉ. साहब को कहा कि आप ने तो कहा था कि कोई इलाज नहीं, लेकिन मैं तो जिन्दा हूं। और उनको बोम्बे हॉस्पीटल की रिपोर्ट दिखाई जिसमें कैंसर घोषित था। डॉ. साहब ने उसको देखकर कहा कि जिनकी रिपोर्ट है तो यह आदमी नहीं है और यदि आदमी यही है, तो इनकी जो रिपोर्ट आप दिखा रहे हो यह सही नहीं है। ऐसा असम्भव है। तो मेरी पत्नी ने क्रोध में आकर कहा कि मैं पहले भी इनके साथ आपके पास आई थी और आज भी आई हूँ, क्या भारतीय संस्कृति में दो पति रखना जायज है? और हम लोग अपने घर आ गए।

  • आज आप कैसा महसूस करते हैं? तथा आम जन को क्या संदेश देना चाहते हो? न जाने आपकी तरह कैंसर सहित असाध्य रोगों से कितने ही लाखों-करोड़ों लोग जीवन व मृत्यु के बीच तड़प रहे हैं?

    आज दिनांक 4 मई 2008 को मैं कह रहा हूँ कि मेरा यह जीवन गुरू कृपा का ही महाप्रसाद है क्योंकि भौतिक विज्ञान के हिसाब से तो मेरा जीवन 1998 को ही समाप्त हो चुका था। बीमारी के इलाज में 60-70 हजार रूपये खर्च कर दिये लेकिन गुरुदेव के चरणों में बिना दवाई के व बिना पैसे ठीक हो गया। मेरी आम जन से यही राय है कि गुरुदेव से दीक्षा लेकर अपना जीवन सफल बनाओ।

  • क्या आपने कैंसर की नेगेटिव जाँच कराई?

    बीमारी में मेरे गहने व सम्पत्ति सारी बिक गई इसलिए मैं दुबारा जाँच नहीं करा पाया लेकिन आज दस साल से नेगेटिव जाँच व रिपोर्ट के रूप में मैं स्वयं जिंदा बैठा हूँ। पूर्ण स्वस्थ व अपने घर का काम काज कर रहा हूँ। गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग की शक्तिपात दीक्षा से इतना बड़ा चमत्कारिक लाभ हुआ। शायद किसी को विश्वास भी न होगा कि दीक्षा से कैंसर जैसा रोग ठीक हो सकता है। लेकिन मैं जवाहरलाल बोहरा जीता जागता उदाहरण हूँ। मेरे लिए तो गुरू जी साक्षात् भगवान् बनकर ही घर आए।

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